Old Pension Scheme: कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा पूराने पेंशन को लेकर नया नियम लागू।

Old Pension Scheme : भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) एक समय में रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय का प्रमुख स्रोत मानी जाती थी। यह योजना उन सभी केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को लागू होती थी, जिनकी नियुक्ति वर्ष 2004 से पहले हुई थी। लेकिन 1 जनवरी 2004 से इसकी जगह न्यू पेंशन स्कीम (NPS) ने ले ली। बावजूद इसके, ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर आज भी बहस और मांगें लगातार जारी हैं। आइए जानते हैं ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़ी अहम जानकारी:

क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)?

ओल्ड पेंशन स्कीम एक डिफाइंड बेनिफिट स्कीम है जिसमें कर्मचारी की रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। यह राशि कर्मचारी की आखिरी तनख्वाह के आधार पर तय होती है। आमतौर पर यह अंतिम बेसिक सैलरी का 50% होती है। Old Pension Scheme के अंतर्गत पेंशन पूरी तरह सरकार द्वारा वहन की जाती है और कर्मचारी को इसमें कोई योगदान नहीं देना होता।

OPS के मुख्य फायदे

  1. आजीवन सुनिश्चित पेंशन: रिटायरमेंट के बाद हर महीने तय पेंशन मिलती है, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।
  2. महंगाई राहत (DA): पेंशनधारकों को महंगाई के अनुसार समय-समय पर डीए भी मिलता है।
  3. सरकार का योगदान: पूरी पेंशन सरकार देती है, कर्मचारी को कोई राशि जमा नहीं करनी होती।
  4. परिवार को लाभ: पेंशनधारक की मृत्यु के बाद परिवार (पति/पत्नी) को भी पेंशन मिलती है।

OPS के नुकसान

  • सरकार पर वित्तीय बोझ: लगातार पेंशन भुगतान से सरकार पर दीर्घकालिक वित्तीय दबाव बढ़ता है।
  • निवेश या सेविंग की आदत नहीं: कर्मचारी खुद निवेश नहीं करता, जिससे व्यक्तिगत सेविंग्स की प्रवृत्ति कम हो जाती है।
  • फंड की पारदर्शिता नहीं: पेंशन भुगतान के लिए कोई विशेष कोष नहीं होता, जिससे आर्थिक प्रबंधन जटिल हो जाता है।

वर्तमान में OPS की स्थिति

हाल के वर्षों में कुछ राज्य सरकारों ने OPS को फिर से लागू करने की पहल की है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने OPS की वापसी की घोषणा की है। वहीं केंद्र सरकार अभी भी NPS को ही अधिक व्यवहारिक और दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ मानती है।

निष्कर्ष

ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme – OPS) एक भरोसेमंद और स्थायी पेंशन व्यवस्था थी, जिसे कर्मचारियों को सेवा के बाद निश्चित मासिक पेंशन देने के लिए तैयार किया गया था। हालांकि, इसकी लंबी अवधि की वित्तीय लागत और वर्तमान राजकोषीय दबाव को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इसे नई पेंशन स्कीम (NPS) से बदल दिया। हालांकि, इसके फायदे और कर्मचारी हितों को देखते हुए आज भी इसकी वापसी की मांग जोर पकड़ रही है।

Leave a Comment